समय का सिक्का – हेड और टेल की कहानी है
जीवन और मृत्यु
आज और कल
समय के सिक्के का
हेड और टेल ही तो है
आज हेड है सामने ग़र
टेल में है “दो कल” छुपे हुए
पर मशगूल हेड में इतने
टेल की अहमियत
भूलते हैं हम
उस टेल में दबा
एक गुजरा कल है
पर ना जाने कब समय ये
फिर सिक्का उछाल दे
करता इंतज़ार पारी का अपने
वो आने वाला कल भी
है वहीँ छुपा हुआ