” —–————————- समय का ईशारा है ” !!
ये जो तेरी आंखें हैं , जीने का सहारा हैं !
प्यास है कि घटती नहीं , सावन का नज़ारा है !!
बगावत हुई जग से , पराये लगे अपने !
पलको पे आँसूं पले , स्वाद मिला खारा है !!
हसरतें जवां हो गई , सपने लगे पलने!
आज हो न हो अपना , कल तो हमारा है !!
जागीरें हैं बेनामी , चरित्तर हैं सब खोखले !
लुटे यहां जनधन है , वोट बस हमारा है !!
मीडिया नहीं है खरा , कमाई करे नित नयी !
मुद्दों को देना हवा , इसे लगे न्यारा है !!
गोलियां धमाके हैं , धुंआ धुंआ मौसम है !
संगीनों पे जां है टिकी , देश हमें प्यारा है !!
रंगों के मेले हैं , खुशबूओं के डेरे हैं !
घटा बनके बरसो तुम , समय का इशारा है !!
बृज व्यास