समय और मेहनत
सोचो न जिन्दगी से
तुम्हे क्या मिला है
सोचना ही है तो सोचो
जिन्दगी से तुम्हे
आगे क्या लेना है
जो बीत गई उस पर
सोचने से
तुम्हे क्या लाभ
आगे का सोचो
जिन्दगी में कैसे
लिखना है अपनी
सुनहरी कहानी
पीछे को भूल कर
आगे बढ़ते चलो तुम
यही सिखाती है
पल पल हमारी
जिन्दगानी।
मेहनत की चाबी
लगाओ तुम फिर से
खोलो भविष्य का
सुनहरा तुम ताला
अभी यह समय
तुम्हारा है बच्चो
समय के साथ
तुम कदम मिला लो।
समय और मेहनत
दोनो तुम्हें देगा
सुनहरा भविष्य
सुनहरी ज़िन्दगानी ।
पकड़ लो तुम आज
दोनो का दामन
यही लिखा तुम्हारे
भविष्य की सुनहरी
कहानी।
~अनामिका