समय आता है
समय होता है,
जब हमें सोशल मीडिया पर ‘गुड मॉर्निंग’ के मेसेज चिढ़ा जाते हैं।
समय आता है,
जब वे मेसेज ही होते हैं, जो चेहरे पे मुस्कान लाते हैं।
समय होता है,
जब भिखारियों को हम झिड़क देते हैं – कमाकर खाओ.
समय आता है,
जब पता चलता है कि कमाई के तरीकों में ज़्यादा फर्क नहीं।
समय होता है,
जब बंद हो जाती हैं मुट्ठियाँ अपनों को देखकर,
समय आता है,
जब खुली हथेलियों की बिखरी अंगुलियां खलती हैं।
समय होता है,
जब जगह-जगह फैलाते हैं अपने नाम को, ताकि याद रहे।
समय आता है,
जब हमें ही खुदका नाम याद नहीं रहता।
समय होता है,
जब खर्च करते हैं कॉस्मेटिक पर बहुत, अपने चेहरे के लिए।
समय आता है,
जब चेहरे की झुर्रियों में अनुभव की सुन्दरता खुद-ब-खुद आ जाती है।
समय होता है,
जब खाने को चाहिए होता है लेविश और यमी।
समय आता है,
जब पतली दाल-रोटी से स्वादिष्ट कुछ नहीं होता।
समय होता है,
जब सजाते-संवारते और बढ़ाते हैं अपने मकान को हम।
समय आता है,
जब मकान की बजाय घर और रहने वालों की अहमियत होती है।
समय होता है,
जब प्रेम से ज़्यादा स्पर्श अच्छा लगता है।
समय आता है,
जब सिर्फ प्रेम का स्पर्श ही ज़रूरत बन जाता है।
समय होता है,
जब अपने बच्चों को हम अपने तरीके से पालते हैं।
समय आता है,
जब बच्चों के साथ बच्चा बनना ही अच्छा लगता है।
समय होता है,
जब लड़ते हैं हम किसी परमानेंट पद के लिए।
समय आता है,
जब पता चलता है कि दुनिया में परमानेंट कुछ है ही नहीं।
समय होता है,
जब हम चाहते हैं अपनी बातों से दुनिया को सिखाएं।
समय आता है,
जब पता चलता है कि, हमने खुद क्या सीखा?
समय होता है,
जब कितनी ही बातों पर – लोगों पर विश्वास नहीं होता।
समय आता है,
जब समझ पाते हैं कि वे सभी बातें किसी और का विश्वास हैं।
समय होता है,
जब समय नहीं होता – कई बातों के लिए।
समय आता है,
जब कई बातों के लिए समय की ज़रूरत होती है।
सच है – सच में,
जैसा होता है समय –उल्टा बदल कर आता भी है।
है ना!