समन्दर खारा …
समन्दर खारा …
पूछा मैंने समन्दर से
तू इतना खारा क्यूँ है
बोला पूछो कान्हा से
मुझसे तू पूछता क्यूँ है
सुनाई प्रेम की परिभाषा
राधा बिना कृष्ण आधा
एक हृदय तो दूजा धड़कन
बिन कान्हा अपूर्ण राधा
राधे के कजरारे नयन झरते नीर
कारा करत यमुना का तोय तीर
कान्हा अश्रु जल से सागर खारा
खारा मोहे किन्ही कान्हा निज पीर
रेखांकन।रेखा