गुलाब
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
तीन बुंदेली दोहा- #किवरिया / #किवरियाँ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बरसात का मौसम तो लहराने का मौसम है,
नवंबर का ये हंसता हुआ हसीन मौसम........
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
बस, अच्छा लिखने की कोशिश करता हूॅं,
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
23/151.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
करवां उसका आगे ही बढ़ता रहा।
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
सुभद्रा कुमारी चौहान जी की वीर रस पूर्ण कालजयी कविता
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
बेशक आजमा रही आज तू मुझको,मेरी तकदीर