Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2024 · 1 min read

समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

चेहरे पर झुर्रियां जब छाने लगे
करीबी जब दूरियां बनाने लगे
दिखने लगे जब उपेक्षा-तिमिर
समझिये बुढ़ापे में पग धर दिये।

पैर चलने में जब डगमगाने लगे
मगज पल-पल बात भुलाने लगे
होने लगे अनसुनी सलाह आपका
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये ।

दांत अपनी कमजोरी दिखाने लगे
चबाने में चहुआ दम दिखलाने लगे
सुनने लगे कम जब कान आपकी
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

न अक्षर महीन जब सूझने लगे
अग्नि मेदा की जब बुझने लगे
कर दे परेशान जोड़ों का दर्द आपको
समझिये बुढ़ापे में पग धर दिये

बच्चे जब बच्चा आपको बनाने लगे
हर बात का मखौल नित उड़ानें लगे
कोने में लग जाए जब बेड आपका
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

मौजमस्ती की जगह शान्ति भाने लगे
बदले आशा के नैराशय भाव छाने लगे
जमाने लगे बच्चे जब एहसान आप पर
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

इंडियन सीट जब कष्ट पहुंचाने लगे
वेस्टर्न सीट मन को जब भाने लगे
घडकाने लगे जब टन-झन की ध्वनि
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

तौर-तरीका जब बच्चे समझाने लगे
देने सलाह पत्नी जब आगे आने लगे
होने लगे घर में मनमानी संतान की
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

1 Like · 134 Views
Books from manorath maharaj
View all

You may also like these posts

वो है संस्कृति
वो है संस्कृति
उमा झा
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
सत्य कुमार प्रेमी
इस जीवन का क्या मर्म हैं ।
इस जीवन का क्या मर्म हैं ।
एकांत
एक गरीबी
एक गरीबी
Seema Verma
" तरीका "
Dr. Kishan tandon kranti
गांव
गांव
Bodhisatva kastooriya
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शब्द नाद   ....
शब्द नाद ....
sushil sarna
समस्याओं से तो वैसे भी दो चार होना है ।
समस्याओं से तो वैसे भी दो चार होना है ।
Ashwini sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Santosh Soni
बुरा वक्त
बुरा वक्त
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
Khata kar tu laakh magar.......
Khata kar tu laakh magar.......
HEBA
नन्ही
नन्ही
*प्रणय*
हर कोना गुलाबों सा ये महकाए हुए हैं
हर कोना गुलाबों सा ये महकाए हुए हैं
आकाश महेशपुरी
उन्हें दिल लगाना न आया
उन्हें दिल लगाना न आया
Jyoti Roshni
मैं शामिल तुझमें ना सही
मैं शामिल तुझमें ना सही
Madhuyanka Raj
मुझे पतझड़ों की कहानियाँ,
मुझे पतझड़ों की कहानियाँ,
Dr Tabassum Jahan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ जाते है😥😥
सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ जाते है😥😥
पूर्वार्थ
खोले हैं जज्बात के, जब भी कभी कपाट
खोले हैं जज्बात के, जब भी कभी कपाट
RAMESH SHARMA
मैं कितना अकेला था....!
मैं कितना अकेला था....!
भवेश
*सबसे महॅंगा इस समय, छपवाने का काम (कुंडलिया)*
*सबसे महॅंगा इस समय, छपवाने का काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ज़ेहन में हर घड़ी
ज़ेहन में हर घड़ी
Chitra Bisht
वो कालेज वाले दिन
वो कालेज वाले दिन
Akash Yadav
कल तलक
कल तलक
Santosh Shrivastava
सादगी
सादगी
Sudhir srivastava
प्रेम रंग में रंगी बांसुरी भी सातों राग सुनाती है,
प्रेम रंग में रंगी बांसुरी भी सातों राग सुनाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
Rj Anand Prajapati
बुझे अलाव की
बुझे अलाव की
Atul "Krishn"
इश्क दर्द से हो गई है, वफ़ा की कोशिश जारी है,
इश्क दर्द से हो गई है, वफ़ा की कोशिश जारी है,
Pramila sultan
Loading...