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29 May 2024 · 1 min read

समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

चेहरे पर झुर्रियां जब छाने लगे
करीबी जब दूरियां बनाने लगे
दिखने लगे जब उपेक्षा-तिमिर
समझिये बुढ़ापे में पग धर दिये।

पैर चलने में जब डगमगाने लगे
मगज पल-पल बात भुलाने लगे
होने लगे अनसुनी सलाह आपका
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये ।

दांत अपनी कमजोरी दिखाने लगे
चबाने में चहुआ दम दिखलाने लगे
सुनने लगे कम जब कान आपकी
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

न अक्षर महीन जब सूझने लगे
अग्नि मेदा की जब बुझने लगे
कर दे परेशान जोड़ों का दर्द आपको
समझिये बुढ़ापे में पग धर दिये

बच्चे जब बच्चा आपको बनाने लगे
हर बात का मखौल नित उड़ानें लगे
कोने में लग जाए जब बेड आपका
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

मौजमस्ती की जगह शान्ति भाने लगे
बदले आशा के नैराशय भाव छाने लगे
जमाने लगे बच्चे जब एहसान आप पर
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

इंडियन सीट जब कष्ट पहुंचाने लगे
वेस्टर्न सीट मन को जब भाने लगे
घडकाने लगे जब टन-झन की ध्वनि
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

तौर-तरीका जब बच्चे समझाने लगे
देने सलाह पत्नी जब आगे आने लगे
होने लगे घर में मनमानी संतान की
समझिए बुढ़ापे में पग धर दिये।

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