Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2024 · 1 min read

समझदार करने लगे,अर्थहीन जब बात .

हो जाती है ज्ञान की, दिन में ही तब रात ।
समझदार करने लगे,अर्थहीन जब बात ।।
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 40 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

शेखर ✍️
शेखर ✍️
शेखर सिंह
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Audio story by Komal Agarwal
Audio story by Komal Agarwal
komalagrawal750
हाइकु-गर्मी
हाइकु-गर्मी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#एक_ही_तमन्ना
#एक_ही_तमन्ना
*प्रणय*
इश्क की रूह
इश्क की रूह
आर एस आघात
4801.*पूर्णिका*
4801.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
औचक निरीक्षण
औचक निरीक्षण
Paras Nath Jha
छठ माता
छठ माता
Dr Archana Gupta
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Mukesh Kumar Sonkar
मतदान करो
मतदान करो
TARAN VERMA
सर्दियों की धूप
सर्दियों की धूप
Vandna Thakur
मुझे आने तो दो
मुझे आने तो दो
Satish Srijan
Quote - If we ignore others means we ignore society. This way we ign
Quote - If we ignore others means we ignore society. This way we ign
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"आओ उड़ चलें"
Dr. Kishan tandon kranti
- तुम्हारी व्याख्या -
- तुम्हारी व्याख्या -
bharat gehlot
जिस्म में पानी नही बचता पसीने के लिए
जिस्म में पानी नही बचता पसीने के लिए
Harinarayan Tanha
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
कवि दीपक बवेजा
हमारी सोच में तुम थे,
हमारी सोच में तुम थे,
Dr fauzia Naseem shad
कलयुग की छाया में,
कलयुग की छाया में,
Niharika Verma
फिकर
फिकर
Dipak Kumar "Girja"
एक दिन सब ही खाते थे आम आदमी।
एक दिन सब ही खाते थे आम आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
दोहा -: कहें सुधीर कविराय
दोहा -: कहें सुधीर कविराय
Sudhir srivastava
दान और कोरोना काल
दान और कोरोना काल
Khajan Singh Nain
विश्वकप-2023
विश्वकप-2023
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
भोर होने से पहले ...
भोर होने से पहले ...
sushil sarna
शीर्षक -श्रीराम उत्सव!
शीर्षक -श्रीराम उत्सव!
Sushma Singh
अफसाना किसी का
अफसाना किसी का
surenderpal vaidya
*धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)*
*धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)*
Ravi Prakash
तुम और प्रेम
तुम और प्रेम
पूर्वार्थ
Loading...