सभ्य और उन्नत समाज वहीं है जहाँ नारी का सम्मान हो
सभ्य और उन्नत समाज वहीं है जहाँ नारी का सम्मान होता है। जिस समाज में नारी का सम्मान नहीं हो सकता।
वह समाज सभ्य और उन्नत समाज कहलाने का अधिकार नहीं पा सकता।
शंकर का कहना है कि, देश मे बढ़ रही उत्पीड़न की घटनाएं समाज पर बार-बार सवाल खड़ा कर रही हैं। निर्भया से हाथरस की बेटी तक, हरदिन एक बहिन एक औरत के मन का, अस्तित्व का, विचार का, उसकी भावनाओं का बलात्कार हो रहा है। महिलाओं के सम्मान व बराबरी देने के लिए, सोच में बदलाव जरूरी है ।
इसके लिए हमें बहु को बेटी के बराबर समझना होगा, और सबसे महत्वपूर्ण “अपनें बेटों को महिलाओं का सम्मान कराना सिखाना होगा” बदलाव का असर तभी दिखेगा। जिस दिन एक दूसरी महिला समनं व अधिकार के लिए खड़ी होगी। उस दिन बदलाव की शुरुआत होगी महिला के लिए शिक्षा और स्वालम्बन की जागरूकता जितनी जरूरी हैं उससे ज्यादा कहीं जरूरी हैं मानसिक उत्कर्ष की, पुरुषों के सोच में बदलाव व नारी के प्रति सवेदनशीलता की। बदलाव तभी सम्भव हैं।।
शंकर आँजणा नवापुरा धवेचा
बागोड़ा जालोर-343032
कक्षा स्नातक तृतीय वर्ष