सभी गम से गुजरते हैं…
एक मुक्तक…
1222 1222 1222 1222
न रोको तुम किसी को भी, न टोको तुम किसी को भी
करे जो जी करे जिसका, न बोलो कुछ किसी को भी
हमारा फर्ज समझाना, न समझे तो करें क्या हम
सभी गम से गुजरते हैं, न समझो खुश किसी को भी
-© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद