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12 Dec 2023 · 1 min read

सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।

गज़ल

1222/1222/1222/1222
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
अभी भी ऐसा लगता है कि मां लोरी सुनाती है।1

किया इज़हार जिससे प्यार का इनकार ही पाया,
वो आकर क्यों मुझे हर रोज सपनों में सताती है।2

जो औरों के लिए घर-बार जीवन भर बनाते हैं,
उन्हीं की जिंदगी फुटपाथ पर ही बीत जाती है।3

नहीं छोटा बड़ा कोई सभी की अहमियत समझो,
सुई की हो जरूरत तो न बरछी काम आती है।4

मुहब्बत है तो दो दिल एक दिन नज़दीक आएंगे,
नहीं तो लाख कोशिश हो ये दूरी बढ़ती जाती है।5

मुहब्बत में कोई प्रेमी हो प्रिय का दास बन जाता,
ये रानी को भी पल भर में ही इक मीरा बनाती है।6

……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
279 Views
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