Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2023 · 1 min read

*सभी को आजकल हँसना, सिखाने की जरूरत है (मुक्तक)*

सभी को आजकल हँसना, सिखाने की जरूरत है (मुक्तक)
_________________________
सभी को आजकल हँसना, सिखाने की जरूरत है
सभी को जिंदगी में, मुस्कुराने की जरूरत है
परिस्थितियों को जीतो या, उन्हें स्वीकार कर लेना
परिस्थितियों से यों नजरें, मिलाने की जरूरत है
_________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

3553.💐 *पूर्णिका* 💐
3553.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बदमाश किरणें
बदमाश किरणें
Radha Bablu mishra
"मुलाजिम"
Dr. Kishan tandon kranti
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
Dr Archana Gupta
फ़र्क़..
फ़र्क़..
Rekha Drolia
बदसलूकी
बदसलूकी
Minal Aggarwal
प्रेषित करें प्रणाम
प्रेषित करें प्रणाम
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
उनके जख्म
उनके जख्म
'अशांत' शेखर
*दो तरह के कुत्ते (हास्य-व्यंग्य)*
*दो तरह के कुत्ते (हास्य-व्यंग्य)*
Ravi Prakash
Try to find .....
Try to find .....
पूर्वार्थ
कोई जब पथ भूल जाएं
कोई जब पथ भूल जाएं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अपने और पराए की पहचान
अपने और पराए की पहचान
Sonam Puneet Dubey
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
कवि रमेशराज
जिंदगी हमेशा इम्तिहानों से भरा सफर है,
जिंदगी हमेशा इम्तिहानों से भरा सफर है,
Mamta Gupta
कुछ करो तो बुरा,कुछ ना करो तो बुरा
कुछ करो तो बुरा,कुछ ना करो तो बुरा
Ranjeet kumar patre
लड़कियां गोरी हो, काली हो, चाहे साँवली हो,
लड़कियां गोरी हो, काली हो, चाहे साँवली हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
Suryakant Dwivedi
मुतफ़र्रिक़ अश'आर*
मुतफ़र्रिक़ अश'आर*
Dr fauzia Naseem shad
"संस्कार'
DrLakshman Jha Parimal
कविता की आलोचना में कविता
कविता की आलोचना में कविता
Dr MusafiR BaithA
..
..
*प्रणय*
एजाज़ लिख दूँ
एजाज़ लिख दूँ
शक्ति राव मणि
एक गलत निर्णय हमारे वजूद को
एक गलत निर्णय हमारे वजूद को
Anil Mishra Prahari
सत्य और राम
सत्य और राम
Dr. Vaishali Verma
करती गहरे वार
करती गहरे वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
स्त्री का बल, स्त्री का संबल।
स्त्री का बल, स्त्री का संबल।
Kanchan Alok Malu
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
मधुशाला रास न आई तू
मधुशाला रास न आई तू
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
Loading...