सब हो सुखी
चाहिए
समाज में
मेहनतकश
आधी आधी
रोटी खायें
पर रहें सब
एक सूत्र में
फैलाना है
संदेशा
समाजवाद का
अन्न जल पर हो
सब का समान
अधिकार
रहे सब सुखी
“जियो और
जीने दो “की
हो धारणा
तब रहेगा
सुखी भारत का
हर इन्सान
स्वलिखित लेखक
संतोष श्रीवास्तव भोपाल