सब सुखी रहे, जग सुखी रहे
सब सुखी रहे, जग सुखी रहे,
लोभ मोह ईर्ष्या सब दूर रहे,
सबका सम्मान करूँ, छोटा हो या बड़ा,
पर उपकार हेतु सदा रहूँ खड़ा,
सुबह शाम करूँ वंदना आपकी,
तत्पर रहूँ करने को सेवा सबकी,
दे दो श्याम इतना मुझे आशीष,
प्रेम से सदा झुके मेरा यह शीश,
सदा रहे सबकी निरोगी काया,
दूर रहे यह जग की झूठी माया,
उज्ज्वल बना दो सबका चरित्र,
प्रेम के रंग से रंग दो सबका चित्र,
है मेरे मुरलीधर सदा उतारू आरती,
है नमन तुझे मेरी माँ भारती,
।।।।। जेपीएल ।।।।