सब समझते है
?????#नमन_मंच?????
.. #मुक्तक
#विषय — सब समझते है..??
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शोणित दे जो दी आजादी, देख तुझे रोता होगा।
राष्ट्र की ऐसी दशा देखकर, आपा भी खोता होगा।
बुरे कर्म अबतक तेरे, गबन घोटाले भ्रष्टाचार-
राष्ट्र सौंप कर आज तुझे वह, चैन नहीं सोता होगा।।
संबिधान की बोटी बोटी, काट काट खा जाते हो।
भ्रष्टाचार में लिप्त सर तक, कभी नहीं शर्माते हो।
भय से जनता देख रही है, तेरे इन करतूतों को-
कर्म घिनौना करके भी तुम कभी नहीं घबराते हो।।
———स्वरचित, स्वप्रमाणित
✍️पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
…………………..बिहार