सब बन्दे हैं राम के
कभी किसी का हक मत छीनो, सब बन्दे हैं राम के
बनो राम के चाकर, चाकर बनो न तन धन धाम के
सबका मान करो आदर दो
सबमें रमता राम है
नाम किसी का कुछ भी हो
हर नाम राम का नाम है
हर नर को नारायण मानो, पीछे पड़ो न नाम के
जो भी काम मिले कर डालो
समझ राम का काज है
काज राम का करने में क्यों
आती तुमको लाज है
हर शुभ काम जुड़ा रहता है साथ नेक परिणाम के
सेवा करो बड़े-बूढ़ों की
गंगा की गोपाल की
रक्षा करो पेड़-पौधों की
डाल-डाल की छाल की
बनो देश सीमा के प्रहरी, प्रहरी बनो न चाम के
बनो सिपाही मानवता के
रक्खो खबर जहान की
बिना झिझक के अर्पित कर दो
जहां जरूरत जान की
अपने यश का ध्वज फहराकर लायक बनो प्रणाम के
महेश चन्द्र त्रिपाठी