— सब पता चल जाएगा —
बड़े बड़ी डींगें हांकने वाले
जल्द बेनकाब हो जायेंगे
कहते हैं दिए जलाएंगे
दिवाली वाले दिन सब पकडे जायंगे
बड़ा बेशर्मं है व्यापार
सर चढ़ कर झालर जल्वायेगा
जो बनता है भगत पार्टी का
वो ही सब से पहले घर जगमगायेगा
बस फर्क सोच सोच का है
सब के बस में नही है सोचना
बढ़ते को सब ने बढ़ाना है
गिरते को कोई नही उठाएगा
दिए जलाओ अपनी माटी के
देश के व्यापार को महकाओ
जिस के चेहरे पर निराशा थी
इस दिवाली उस का घर महकाओ
अजीत कुमार तलवार
मेरठ