सब कूछ ही अपना दाँव पर लगा के रख दिया
सब कूछ ही अपना दाँव पर लगा के रख दिया
बेबसी को सादगी बना के रख दिया
तू तो जीने ही क्या मरने के भी लायक न थी
हम हैं कि तुझे ज़िंदगी बना के रख दिया
मुश्किलों की आँधियों आ जाओ बुझा दो
दिल का चिराग़ बाल के चौखट पे रख दिया
हमारी डिक्शनरी में ब्रेक अप वर्ड नहीं है
सो हमने हरेक रिश्ता निभा करके रख दिया
दिल और दिमाग़ कर रहे थे मुझको परेशान
दिमाग़ में तब दिल को बसा कर के रख दिया
कोई न लाया मेरे लिए तारे तोड़ कर
मुट्ठी में अपनी आसमान भर के रख दिया
एक आँख को आँसू न सोने देते थे जब जब
एक आँख में सपनों को जगा कर के रख दिया