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16 Dec 2022 · 1 min read

सब कुछ रब पर छोड़ दिया

** सब कुछ रब पर छोड़ दिया **
***************************

सब कुछ रब पर ही है छोड़ दिया,
जब से खुद को रब से जोड़ लिया।

पल पल छिन छिन हर रोज यहाँ,
मेरे सिर पर ठिकरा फोड़ लिया।

गैरों ने थामा उस रोज़ खोज मुझे,
अपनों ने जब नाता तोड़ लिया।

मंज़िल मिल कर भी थी छूट गई,
निज को पथ में पीछे मोड़ लिया।

मनसीरत सूली पर जान चढ़ी,
मुश्किल से बचकर मैं दौड़ लिया।
**************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
109 Views
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