Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2021 · 1 min read

सब कुछ चला गया

सब कुछ चला गया

सुना जाता है अक्सर
कहा जाता है आम तौर पर

जाना है एक दिन
सब छोड़-छाड़ कर

लेकिन मैंने देखे
कुछ लोग जिनका
सब कुछ चला गया

उनके खुद के
दुनिया से
जाने से पहले

-विनोद सिल्ला©

Language: Hindi
1 Like · 276 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।
कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।
पंकज परिंदा
सोच
सोच
Neeraj Agarwal
आ अब लौट चलें.....!
आ अब लौट चलें.....!
VEDANTA PATEL
हद
हद
Ajay Mishra
ग़रीबी में भली बातें भी साज़िश ही लगा करती
ग़रीबी में भली बातें भी साज़िश ही लगा करती
आर.एस. 'प्रीतम'
देवी महात्म्य चतुर्थ अंक * 4*
देवी महात्म्य चतुर्थ अंक * 4*
मधुसूदन गौतम
हमेशा जागते रहना
हमेशा जागते रहना
surenderpal vaidya
कलमबाज
कलमबाज
Mangilal 713
4788.*पूर्णिका*
4788.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
Preschool Franchise
Preschool Franchise
Alphabetz
कल में कल की कल्पना,
कल में कल की कल्पना,
sushil sarna
नया नया अभी उजाला है।
नया नया अभी उजाला है।
Sachin Mishra
एक क़ता ,,,,
एक क़ता ,,,,
Neelofar Khan
शायद ...
शायद ...
हिमांशु Kulshrestha
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
समय बदल रहा है..
समय बदल रहा है..
ओनिका सेतिया 'अनु '
*जीत का जश्न*
*जीत का जश्न*
Santosh kumar Miri
जेठ सोचता जा रहा, लेकर तपते पाँव।
जेठ सोचता जा रहा, लेकर तपते पाँव।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
कवि दीपक बवेजा
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर
*प्रणय*
"घोषणा"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
पूर्वार्थ
*
*"मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम"*
Shashi kala vyas
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
manorath maharaj
दोस्त,ज़िंदगी को अगर जीना हैं,जीने चढ़ने पड़ेंगे.
दोस्त,ज़िंदगी को अगर जीना हैं,जीने चढ़ने पड़ेंगे.
Piyush Goel
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
...
...
Ravi Yadav
एक इस आदत से, बदनाम यहाँ हम हो गए
एक इस आदत से, बदनाम यहाँ हम हो गए
gurudeenverma198
Loading...