सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
बेशक सबकी होती है,
लकिन कुछ की चुटकियों मे और
किसी की सुबकियो में खत्म होती है ।
हर किसी की एक कहानी भी हैं
कोई एक ही किरदार पर और कोई हज़ारो किरदारो पर खत्म होती हैं ।