सब अपने नसीबों का
कहने में क्या हर्ज है
कह लीजिए यह भी।
सब अपने नसीबों का
लिखा भोग रहे हैं ।।
कुछ तेरी कमी है
तो कुछ मेरी भी कमी है।
किस्तो में जो इस तरह
हम दम तोड़ रहें है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
कहने में क्या हर्ज है
कह लीजिए यह भी।
सब अपने नसीबों का
लिखा भोग रहे हैं ।।
कुछ तेरी कमी है
तो कुछ मेरी भी कमी है।
किस्तो में जो इस तरह
हम दम तोड़ रहें है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद