{{{{सब्र}}}}
हमसे न ज़ोर आजमाइश किया कर अपनी अदायों की,
पत्थरों पर इतनी जल्दी फूल नही खिलते.
थोड़ा सब्र रख कोहिनूर सी चमक है मेरी मोहब्बत की,इतनी आसानी से हम किसी हसीना को ख़्वाब मे नही मिलते।
हमसे न ज़ोर आजमाइश किया कर अपनी अदायों की,
पत्थरों पर इतनी जल्दी फूल नही खिलते.
थोड़ा सब्र रख कोहिनूर सी चमक है मेरी मोहब्बत की,इतनी आसानी से हम किसी हसीना को ख़्वाब मे नही मिलते।