सब्र रख बंदे…
सब्र रख बंदे…
कुछ बोझ आंसुओं का, उठायेंगे कन्धें,
कुछ दर्द भरी यादों के, जलायेंगें पन्नें,
कुछ पर गिरा पर्दा, हो जायेंगें अन्धे
कुछ पर डाल मिट्टी, आगे बढ़ जायेंगें बंदे।।
सीमा टेलर ‘तु है ना’ (छिम़पीयान लम्बोर)
सब्र रख बंदे…
कुछ बोझ आंसुओं का, उठायेंगे कन्धें,
कुछ दर्द भरी यादों के, जलायेंगें पन्नें,
कुछ पर गिरा पर्दा, हो जायेंगें अन्धे
कुछ पर डाल मिट्टी, आगे बढ़ जायेंगें बंदे।।
सीमा टेलर ‘तु है ना’ (छिम़पीयान लम्बोर)