सबूत
पलकों में इंतजार लिए बैठे हैं,
हम तुमसे प्यार किए बैठे हैं।
बहाना तुम बनाओ तुम्हारी मर्जी,
हम तो एतबार किए बैठे हैं।
कभी हमारे बीच खामोशियां भी बोली हैं,
मन चीख रहा है और गांठ लिए बैठे हैं।
हाथों की लकीर, माथे की शिकन में,
हर कहीं बस तुम ही तुम हो,
बदल गए सितारे और हम इल्जाम लिए बैठे हैं।
तुम कहते थे एक दिन सब बदल जाएगा,
सच ही है हम सबूत लिए बैठे हैं।