सबसे सुगम हिन्दी
सबसे सुगम हिन्दी
कहें सबसे सुगम हिन्दी सभी को देख भाती है।
सदा तुलसी महादेवी सरिस का मान पाती है ।।
युगों से देख हिन्दी ही रही साहित्य की भाषा।
कभी कविता कहानी बन सभी को ये रिझाती है।।
सुनाती लोक रंजन बात गाथा में महाजन के।
कभी सीता कभी राधा सभी की पीर गाती है।।
सभी से उच्च है हिन्दी लिए हर ज्ञान ये देखो।
यही विज्ञान के भी पाठ को सबको पढ़ाती है।।
बने हिन्दी हमारी लोक में सर्वोच्च सबसे यह।
हमारे देश की भाषा सभी का मन लुभाती है।।
विदेशी पर मरे बैठे नहीं कुछ मान हैं करते।
गुलामों की यही बातें बहुत मन को दुखाती है।।
बनाकर राष्ट्र भाषा अब करें सत्कार हम इसका।
बढ़ेगा मान सबका ही यही दुनिया बताती है ।।
चलो मिलकर करें अब पूर्ण यह सपना हमारा अब।
बने हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा ये सुनाती है।।
डाॅ सरला सिंह “स्निग्धा”
दिल्ली