सबने सलाह दी यही मुॅंह बंद रखो तुम।
गज़ल
221/2121/2221/122
सबने सलाह दी यही मुॅंह बंद रखो तुम।
सच में ये बात है सही मुॅंह बंद रखो तुम।1
मुंह खोलने की सोचते तो उनका है संदेश,
है खैरियत इसी में ही, मुॅंह बंद रखो तुम।2
मुंह से निकाल दे मियां जो बात सही है,
तुमने ये बात क्यों कही मुॅंह बंद रखो तुम।3
होकर खिलाफ आंधियों के कुछ न मिलेगा,
इज्जत उड़ेगी आपकी मुंह बंद रखो तुम।4
‘प्रेमी’ हो जैसा देश वैसा भेष रखें आप,
राजा सुने न रंक की मुंह बंद रखो तुम।5
……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी