Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2021 · 1 min read

सबकुछ…

ले गया ये सब-कुछ, साल जाते-जाते
देख लिए रंग सारे, हाल आते -आते…
-✍️देवश्री पारीक ‘अर्पिता’

Language: Hindi
Tag: शेर
289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dinesh Kumar Gangwar
वक्त यूं बीत रहा
वक्त यूं बीत रहा
$úDhÁ MãÚ₹Yá
मोदी एक महानायक
मोदी एक महानायक
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
हास्य व्यंग्य
हास्य व्यंग्य
प्रीतम श्रावस्तवी
शुभकामना संदेश
शुभकामना संदेश
Rajni kapoor
World Tobacco Prohibition Day
World Tobacco Prohibition Day
Tushar Jagawat
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*कंचन काया की कब दावत होगी*
*कंचन काया की कब दावत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उलझ नहीं पाते
उलझ नहीं पाते
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
नरेंद्र
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
आदमी सा आदमी_ ये आदमी नही
आदमी सा आदमी_ ये आदमी नही
कृष्णकांत गुर्जर
हॉस्पिटल मैनेजमेंट
हॉस्पिटल मैनेजमेंट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
'मन चंगा तो कठौती में गंगा' कहावत के बर्थ–रूट की एक पड़ताल / DR MUSAFIR BAITHA
'मन चंगा तो कठौती में गंगा' कहावत के बर्थ–रूट की एक पड़ताल / DR MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
#शेर-
#शेर-
*प्रणय प्रभात*
2584.पूर्णिका
2584.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पर्वत और गिलहरी...
पर्वत और गिलहरी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
ज़िम्मेदार कौन है??
ज़िम्मेदार कौन है??
Sonam Puneet Dubey
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
"मीरा के प्रेम में विरह वेदना ऐसी थी"
Ekta chitrangini
अन्तर
अन्तर
Dr. Kishan tandon kranti
गंगा से है प्रेमभाव गर
गंगा से है प्रेमभाव गर
VINOD CHAUHAN
बूढ़ा बापू
बूढ़ा बापू
Madhu Shah
ब्यूटी विद ब्रेन
ब्यूटी विद ब्रेन
Shekhar Chandra Mitra
मेरी फितरत
मेरी फितरत
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
बहुत सोर करती है ,तुम्हारी बेजुबा यादें।
बहुत सोर करती है ,तुम्हारी बेजुबा यादें।
पूर्वार्थ
Loading...