सबकुछ पिघलने लगा है
…
तेरे मेरे बीच में था जो
सब कुछ पिघलने लगा है
कोई आरजू नहीं है
मेरा दिल धड़कने लगा है
तेरी झूठी बातों का कब तक
अब ऐतबार करुँ मैं………S
मेरी शाम ढल रही है
सबकुछ बिखरने लगा है
०
तेरे मेरे बीच में था जो
सब कुछ पिघलने लगा है
तेरे ख़ाब बन चुके जो
आधार मेरे जीवन का…..आधार मेरे जीवन का
वो आधार ढह रहा है
मेरे साथ मर रहा है
मेरे साथ मर रहा है
तेरे मेरे बीच मे था जो
सब पिघलने लगा है
वो चाँद देखता अब भी
हमारी राह तकता है…. वो हमारी राह तकता है
जो गम के साये में उभरे
मेरा अक्स ढून्ढता है
मेरा अक्स ढूंढता है
तेरे मेरे बीच मे था जो
सब पिघलने लगा है
जो ऐतबार थी तुम पे
तीरों सी भेदती है
वो ज़ख्म दुःख रहे है
नासूर बन चुके हैं
नासूर बन चुके हैं
तेरे मेरे बीच मे था जो
सब पिघलने लगा है
जो जोड़ते थें हमको
तुम्हारी ज़िंदगी से
वो धागे गल चुके है
मेरे साथ मर चुके है
मेरे साथ मर चुके है
तेरे मेरे बीच मे था जो
सब पिघलने लगा है