सबकी अच्छाई चुरा लो !
सबकी अच्छाई चुरा लो !
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सबकी अच्छाई चुरा लो
सबकी खामियाॅं भुला दो
बहुत बड़ा तुम बन जाओगे
गर बिल्कुल ऐसा ही कर दो !
सबमें ही गुण-अवगुण होते
बस सद्गुणों को ही सीखो
अवगुणों पर ध्यान ना दो
ज़िंदगी में सदा आगे बढ़ो !
ज़िंदगी में कुछ करने की ठानो
छोटी बातों पे कभी ज़िद ना ठानो
बस बड़े लक्ष्य पे ही निशाना साधो
दुनिया में इक मिसाल तू बन जाओ !
खुद की हरेक कमियाॅं दूर करो
उन कमियों से ना कभी कुंठित हो
सन्मार्ग पर चल खुद को उन्नत करो
कर्तव्य-पथ पर सदैव चलते ही चलो !
ज़िंदगी का एक ख़ास मकसद ढूंढ़ो
उसी मकसद पे ही सदा आगे बढ़ो
कोई तुम्हें पथ से विचलित ना करे
इस बात का तुम सदैव ध्यान रखो !
मंज़िल बहुत जल्द ही मिल जाएगी
गर तुम सन्मार्ग पर ही चलते जाओगे
पर तुम अपनी मंज़िल को पाकर भी
जीवन में सही रास्ता ही अपनाओगे !
अपने ख़्वाबों को जरुर तुम सजाओगे
पर खुद के साथ औरों को भी बढ़ाओगे
ज़रूरतमंदों की हरेक ज़रूरतों को तुम
सामर्थ्य के हिसाब से पूरे करते जाओगे !
ज़िंदगी का अंतिम लक्ष्य ही यही होता
कि मनुष्य खुद की ज़रूरतें पूरी करता
संग-संग ज़रूरतमंदों की भी सेवा करता
तभी जीवन में सच्चा सुख है उसे मिलता
और ईश्वर प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त होता !!
स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 17 अक्टूबर, 2021.
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