सबका लेखा जोखा है ऊपर वाले के पास
क्या सोच रहा है तु
तु यहां से कुछ नहीं ले जा पायेगा
कफ़न में जेब कहां होता है मेरे दोस्त
सब कुछ है धरा का धरा में ही धरा रह जायेगा
मालूम है तुझे सब कुछ फिर भी
मरते दम तक तु लालच करता रह जायेगा
सब कुछ छूट जायेगा तेरा यहां
सिर्फ और सिर्फ यहां से तु अच्छाई ले जायेगा
हर रोज यहां इन्सान का आना और जाना
तेरे रहने और न रहने से क्या फर्क पड़ जायेगा
कहां कि बईमानी तुने किसको दिया धोखा
मरने के बाद सब हिसाब बराबर का हो जायेगा
सबका लेखा जोखा है ऊपर वाले के पास
चाह कर भी तु वहां की सजा से बच नहीं पायेगा
दीपाली कालरा