“सफल परिणाम” #50 शब्दों की कहानी”
सरलाजी ने समस्त जिम्मेदारियों को निभाते हुए अध्यापिका होने के नाते विद्यार्थियों को बखूबी अध्यापन कराने के साथ साहित्य-लेखन को बरकरार रखते हुए पुस्तक भी लिखी “पुस्तकें और चश्मा ही जीवन के सच्चे साथी” । शिक्षक-दिवस पर विद्यार्थी उनसे आशीर्वाद लेने आए, अध्यापिका के लिए यही सफल परिणाम है ।