सफलता
कब तक तेरी राह तकू, कब तक तेरा नाम जपू।
कितने दिनों के बाद मिलेगी ,, मुझको तू
सफलता ..सफलता..सफलता..
अब तो बचपन बीत गया,, उमर भी है ढलने वाली,
अब तक नही मिली है तू, काली रौनक जाने वाली,
कितने दिनों के बाद मिलेगी ,, मुझको तू
सफलता.. सफलता.. सफलता..
जब इंसानो के बीच मे बैठू,तेरी ही बाते छिड़ जाये,
कोई तुझमे खोजे दुनिया,, कोई तेरे स्वप्न सजाये।
कितने दिनों के बाद मिलेगी ,, मुझको तू
सफलता..सफलता..सफलता..
©प्रशान्त तिवारी”अभिराम”