((((सफर))))
((((सफर))))
मेरा ज़िन्दगी का सफर भी क्या सफर रहा,
कोई अपना हाथ में मरा कोई दूर मरा.
मेरी मोहब्बत भी नाकाम ही थी,
कभी धोखा दिल पे मरा कभी दिल धोखे पे मरा।
कोई खुशी मिली ही नही सब दर्द के जाम थे,
कभी दर्द आँख में गिरा कभी आँसू जमीं पे गिरा।
ये चालबाजों की चालबाजियों में फसता
रहा हर बार अमन,
कभी कोई चाल अपना चला कभी दूसरा चला।
जिस्मानी ख्वाहिशों से ही लगी यारी,
कभी हमसफर इधर बिकता मिला
कभी उधर बिकता मिला।
बदनाम कहानियों में उलझा रहा मैं,
कोई गहरे राज का पन्ना कभी इदर से
उड़ा कभी उदर से उड़ा।
बेईमान ही मिले सब इस नादान दिल को,
सब गले लगते रहे और गला कभी इधर से
कटा कभी उधर से कटा।