सफर और लक्ष्य
सफर और लक्ष्य
इन कटीली राहों में मुझे नंगे पांव चलना है
डर लगता है पर डरपोक नहीं हूं
विश्वास है इसे भी पर कर लूंगा
इससे भी बड़ी पराव आएगी
उसे भी तो मुझे पर करना है
यही तो जिंदगी है
कभी दुख तो कभी सुख।।
सफर और लक्ष्य
इन कटीली राहों में मुझे नंगे पांव चलना है
डर लगता है पर डरपोक नहीं हूं
विश्वास है इसे भी पर कर लूंगा
इससे भी बड़ी पराव आएगी
उसे भी तो मुझे पर करना है
यही तो जिंदगी है
कभी दुख तो कभी सुख।।