Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2023 · 1 min read

सपनों की दुनिया

सपनों में जीना, सपनों में रहना मानव मन की मजबूरी है
Swarna सजित महलों में रहना, पवन वेग से उड़ जाना
पल पल ऐसी दुनिया गढ़ना औरों पर खुद को भारी पड़ना
मायाजाल के दृढ़ पासो से खुद को ऐसे घेरे रखना
सपनों में जीना सपनों में रहना मानव मन की मजबूरी है
हकीकत की दुनिया में दर्द बड़े है उनमें खुशीयों को चुनना
मानव मन की मजबूरी है
जब खुशीयां मिल जाये सपनों से तो क्यों हम जागे निंद्रा से
सहसा ही दिख जाये हकीकत यदि सपनों में पल भर नहीं लगता जगने में
मन मस्तिष्क जो सोच रहा अनायास ही आ जाता है सपनों में
संभव को असंभव करता ऐसी दुनिया सपनों की
जो न कर पाते जो हम न बन पाते ऐसी दुनिया गढ़ते सपनों में
हकीकत की बात चले तो नींद हमारी उड़ जाती, टुटने की आवाजों से नींद हमारी खुल जाती
ऐसी दुनिया सपनों की, ऐसी दुनिया सपनों की

Language: Hindi
134 Views
Books from Sanjay kumar mallik
View all

You may also like these posts

यादों के सायों की
यादों के सायों की
Minal Aggarwal
माँ अपने बेटे से कहती है :-
माँ अपने बेटे से कहती है :-
Neeraj Mishra " नीर "
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में  होती है पर
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में होती है पर
DrLakshman Jha Parimal
भाई
भाई
Dr.sima
गुस्सा
गुस्सा
Sûrëkhâ
शमशान घाट
शमशान घाट
Satish Srijan
ये मेरा इंदौर है
ये मेरा इंदौर है
Usha Gupta
ग़ज़ल(उनकी नज़रों से ख़ुद को बचाना पड़ा)
ग़ज़ल(उनकी नज़रों से ख़ुद को बचाना पड़ा)
डॉक्टर रागिनी
फूल फूल और फूल
फूल फूल और फूल
SATPAL CHAUHAN
कभी चुभ जाती है बात,
कभी चुभ जाती है बात,
नेताम आर सी
कहने को हर हाथ में,
कहने को हर हाथ में,
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
.
.
*प्रणय*
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
कमाल लोग होते हैं वो
कमाल लोग होते हैं वो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
देखें है क्यों कान से
देखें है क्यों कान से
RAMESH SHARMA
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
कवि दीपक बवेजा
हम दर्पण भी दिखलाते हैं
हम दर्पण भी दिखलाते हैं
श्रीकृष्ण शुक्ल
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बचपन मेरा..!
बचपन मेरा..!
भवेश
4025.💐 *पूर्णिका* 💐
4025.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" कौन मनायेगा बॉक्स ऑफिस पर दिवाली -फ़िल्मी लेख " ( भूल भूलेया 3 Vs सिंघम अगेन )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
"खुद से"
Dr. Kishan tandon kranti
अबस ही डर रहा था अब तलक मैं
अबस ही डर रहा था अब तलक मैं
Neeraj Naveed
क्यों
क्यों
Neeraj Agarwal
महाभारत का महाकाव्य, कथा अद्भुत पुरानी,
महाभारत का महाकाव्य, कथा अद्भुत पुरानी,
पूर्वार्थ
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
Neelam Sharma
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
shabina. Naaz
आदमी और गधा
आदमी और गधा
Shailendra Aseem
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...