Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2023 · 1 min read

सपनों की दुनिया

सपनों में जीना, सपनों में रहना मानव मन की मजबूरी है
Swarna सजित महलों में रहना, पवन वेग से उड़ जाना
पल पल ऐसी दुनिया गढ़ना औरों पर खुद को भारी पड़ना
मायाजाल के दृढ़ पासो से खुद को ऐसे घेरे रखना
सपनों में जीना सपनों में रहना मानव मन की मजबूरी है
हकीकत की दुनिया में दर्द बड़े है उनमें खुशीयों को चुनना
मानव मन की मजबूरी है
जब खुशीयां मिल जाये सपनों से तो क्यों हम जागे निंद्रा से
सहसा ही दिख जाये हकीकत यदि सपनों में पल भर नहीं लगता जगने में
मन मस्तिष्क जो सोच रहा अनायास ही आ जाता है सपनों में
संभव को असंभव करता ऐसी दुनिया सपनों की
जो न कर पाते जो हम न बन पाते ऐसी दुनिया गढ़ते सपनों में
हकीकत की बात चले तो नींद हमारी उड़ जाती, टुटने की आवाजों से नींद हमारी खुल जाती
ऐसी दुनिया सपनों की, ऐसी दुनिया सपनों की

Language: Hindi
127 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sanjay kumar mallik
View all
You may also like:
प्रेम पत्र जब लिखा ,जो मन में था सब लिखा।
प्रेम पत्र जब लिखा ,जो मन में था सब लिखा।
Surinder blackpen
💐श्री राम भजन💐
💐श्री राम भजन💐
Khaimsingh Saini
#आदरांजलि-
#आदरांजलि-
*प्रणय*
दिनचर्या
दिनचर्या
Santosh kumar Miri
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
VINOD CHAUHAN
हम तुम्हारे हुए
हम तुम्हारे हुए
नेताम आर सी
संवेदना -जीवन का क्रम
संवेदना -जीवन का क्रम
Rekha Drolia
नव दुर्गा का ब़म्हचारणी स्वरूप
नव दुर्गा का ब़म्हचारणी स्वरूप
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हार
हार
पूर्वार्थ
सुर्ख बिंदी
सुर्ख बिंदी
Awadhesh Singh
वो तो नाराजगी से डरते हैं।
वो तो नाराजगी से डरते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
सबसे दूर जाकर
सबसे दूर जाकर
Chitra Bisht
करके  जो  गुनाहों  को
करके जो गुनाहों को
Dr fauzia Naseem shad
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
"मतदान"
Dr. Kishan tandon kranti
चला गया
चला गया
Rajender Kumar Miraaj
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
एहसास
एहसास
Dr. Rajeev Jain
2887.*पूर्णिका*
2887.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बुर्जुर्ग सुरक्षित कैसे हों।
बुर्जुर्ग सुरक्षित कैसे हों।
manorath maharaj
यादगार
यादगार
Bodhisatva kastooriya
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
Sanjay ' शून्य'
किराये के मकानों में
किराये के मकानों में
करन ''केसरा''
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Vandna Thakur
यदि आपके पास रुपए ( धन ) है, तो आपका हरेक दिन दशहरा, दिवाली
यदि आपके पास रुपए ( धन ) है, तो आपका हरेक दिन दशहरा, दिवाली
Rj Anand Prajapati
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
Rituraj shivem verma
गर्दिश-ए-अय्याम
गर्दिश-ए-अय्याम
Shyam Sundar Subramanian
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
Loading...