Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2024 · 1 min read

सपने

गीतिका
~~
सपने आते हैं आंखों में, खिल जाता मन।
खिल जाने के बाद सहज क्यों, मुरझाता मन।

कौन किसी का साथ निभाता, है मुश्किल में।
छल की बातें समझ नहीं अब, क्यों पाता मन।

आकर्षण की दुनिया में है, विचरण करता।
मौन शब्द लेकिन फिर भी है, कुछ गाता मन।

विपरीत हमारी चाहत के, कुछ घटता है।
तभी स्वयं को प्रिय बातों से, बहलाता मन।

भँवरों जैसा इस डाली से, उस डाली तक।
खिलते फूलों के मौसम में, भरमाता मन।
~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 43 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

हरियाणवी
हरियाणवी
Ashwani Kumar Jaiswal
जो हमेशा खुशी चाहता हैं वो दुःख भी शत-प्रतिशत पाता हैं.. जो
जो हमेशा खुशी चाहता हैं वो दुःख भी शत-प्रतिशत पाता हैं.. जो
पूर्वार्थ
रण गमन
रण गमन
Deepesh Dwivedi
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
कुछ यक्ष प्रश्न हैं मेरे..!!
कुछ यक्ष प्रश्न हैं मेरे..!!
पंकज परिंदा
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
উত্তর দাও পাহাড়
উত্তর দাও পাহাড়
Arghyadeep Chakraborty
निगाहे  नाज़  अजब  कलाम  कर  गयी ,
निगाहे नाज़ अजब कलाम कर गयी ,
Neelofar Khan
श्री गणेश वंदना:
श्री गणेश वंदना:
जगदीश शर्मा सहज
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
Bodhisatva kastooriya
संदेश
संदेश
Shyam Sundar Subramanian
"तलाश में क्या है?"
Dr. Kishan tandon kranti
अक्सर कोई तारा जमी पर टूटकर
अक्सर कोई तारा जमी पर टूटकर
'अशांत' शेखर
मां बेटी और बहन, महिलाओं का शश्क्तिकरण ।
मां बेटी और बहन, महिलाओं का शश्क्तिकरण ।
Jaikrishan Uniyal
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
23/68.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/68.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फरवरी तु भी कमाल
फरवरी तु भी कमाल
Deepali Kalra
लड़कियों को हर इक चीज़ पसंद होती है,
लड़कियों को हर इक चीज़ पसंद होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
किस बात का गुरुर हैं,जनाब
किस बात का गुरुर हैं,जनाब
शेखर सिंह
उसे खुद के लिए नहीं
उसे खुद के लिए नहीं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
The_dk_poetry
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
Shubham Pandey (S P)
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
क्रोध
क्रोध
Mangilal 713
श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण
Raju Gajbhiye
गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू...
गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू...
आर.एस. 'प्रीतम'
*कर्मों का लेखा रखते हैं, चित्रगुप्त महाराज (गीत)*
*कर्मों का लेखा रखते हैं, चित्रगुप्त महाराज (गीत)*
Ravi Prakash
हर किसी से प्यार नहीं होता
हर किसी से प्यार नहीं होता
Jyoti Roshni
ऐ .. ऐ .. ऐ कविता
ऐ .. ऐ .. ऐ कविता
नेताम आर सी
Loading...