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26 Feb 2024 · 1 min read

सपने…………..

सपने…………..
कितने अच्छे लगते हैँ ना,
देखते,
सोचते,
बुनते ,
लेकिन ज़नाब ये सपने ही होते है जो कई बार हमें असाधारण काम को करने के लिए जज्बा जुटाते हैँ ओर यही वो होते हैँ जो उनके पुरा ना हो पाने पर ………….
अक्सर लोग आत्महत्या की ओर चले जाते हैँ लेकिन मेरा मानना थोड़ा अलग है वास्तव मे ये सब हमारा समाज तय करता है क्योंकि जो इस समाज के पैमाने मे फिट नहीं हो पाता वाही अपने आप को असहाय pata है ओर बात जहाँ तक है सपनो की तो इनकी कोई निश्चित परिधि तो होती नहीं है देखने की ये लेकिन ये कई बार आर्थिक स्थिति पर निर्भर होते हैँ………………….

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