सपने देखने से क्या होगा
मेहनत कीजिए भला होगा
सपने देखने से क्या होगा
पांव में छाले हो जाते हैं
चेहरे काले हो जाते हैं
हाथ रूखा हो जाता है
होंठ सूखा हो जाता है
तब अन्न से घर भरा होगा
सपने देखने से क्या होगा
पसीने से तर-बतर हुए
हर शय से बेखबर हुए
दिन रात एक कर देते
मंजिल पाकर दम लेते
तब अपना दबदबा होगा
सपने देखने से क्या होगा।
हिम्मत न हारते कभी
पिछे न निहारते कभी
पैर जमाकर चलते हैं
हौसला से वक्त बदलते हैं
तब हर इक शय नया होगा
सपने देखने से क्या होगा।
नूर फातिमा खातून” नूरी”
जिला- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश