Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Dec 2023 · 1 min read

सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा

सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा,
हर इनाम के लिए कीमत चुकानी होती है।
कठिनाइयों से घबराना मत,
उन्हें चुनौती देकर पार करना होगा।
अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना,
और कड़ी मेहनत करना होगा।
अपने आप पर विश्वास करना,
और अपने रास्ते पर चलते रहना होगा।
यकीनन, एक दिन तुम सफल हो जाओगे,
और अपने सपनों को पूरा कर पाओगे।

388 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

आज, तोला चउबीस साल होगे...
आज, तोला चउबीस साल होगे...
TAMANNA BILASPURI
लोकतन्त्र के मंदिर की तामीर बदल दी हमने।
लोकतन्त्र के मंदिर की तामीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
Neelam Sharma
हासिल जहाँ को करके भी
हासिल जहाँ को करके भी
Dr fauzia Naseem shad
कभी हमारे शहर आओ तो मिल लिया करो
कभी हमारे शहर आओ तो मिल लिया करो
PRATIK JANGID
सुबह, दोपहर, शाम,
सुबह, दोपहर, शाम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
माँ
माँ
Ravi Prakash
थोड़ा सा थका हूँ मगर रुका नही हूँ
थोड़ा सा थका हूँ मगर रुका नही हूँ
पूर्वार्थ
*सांच को आंच नहीं*
*सांच को आंच नहीं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Be beautiful 😊
Be beautiful 😊
Rituraj shivem verma
लाड बिगाड़े लाडला ,
लाड बिगाड़े लाडला ,
sushil sarna
दीप
दीप
Neha
क्यों जीना है दहशत में
क्यों जीना है दहशत में
Chitra Bisht
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
ऊपर बैठा नील गगन में भाग्य सभी का लिखता है
ऊपर बैठा नील गगन में भाग्य सभी का लिखता है
Anil Mishra Prahari
अपने
अपने
Adha Deshwal
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
Harminder Kaur
‘ विरोधरस ‘ [ शोध-प्रबन्ध ] विचारप्रधान कविता का रसात्मक समाधान +लेखक - रमेशराज
‘ विरोधरस ‘ [ शोध-प्रबन्ध ] विचारप्रधान कविता का रसात्मक समाधान +लेखक - रमेशराज
कवि रमेशराज
ओ! मेरी प्रेयसी
ओ! मेरी प्रेयसी
SATPAL CHAUHAN
23/128.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/128.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िन्दगी में हमेशा खुशियों की सौगात रहे।
ज़िन्दगी में हमेशा खुशियों की सौगात रहे।
Phool gufran
तुम्हारा साथ
तुम्हारा साथ
Saraswati Bajpai
गज़ल
गज़ल
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
रोटियाँ
रोटियाँ
Rekha Rajput
तुम्हें युग प्रवर्तक है शत-शत नमन।।
तुम्हें युग प्रवर्तक है शत-शत नमन।।
अनुराग दीक्षित
..........अर्थ हीन......
..........अर्थ हीन......
Mohan Tiwari
अतीत याद आता है
अतीत याद आता है
Sumangal Singh Sikarwar
उस रावण को मारो ना
उस रावण को मारो ना
VINOD CHAUHAN
25. जी पाता हूँ
25. जी पाता हूँ
Rajeev Dutta
Loading...