सपने जब तक पल रहे, उत्साही इंसान【कुंडलिया】
सपने जब तक पल रहे, उत्साही इंसान【कुंडलिया】
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सपने जब तक पल रहे ,उत्साही इंसान
उम्र भले ही साठ हो ,तब तक कहो जवान
तब तक कहो जवान ,सीखना रोज जरूरी
नए सृजन से बंधु ,कभी रखना मत दूरी
कहते रवि कविराय ,दौर सब ही हैं अपने
यौवन की पहचान ,उम्र से ज्यादा सपने
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451