सपना
एक आसमां एक साहिल हो अपना
एक घर , एक आँगन हो अपना ।
खिलतें फूल हजारों जिसमें
खुशियों से महकता घर हो अपना ।।
चाँद की मादक किरणों में
सराबोर होता , दमकता घर अपना ।
मुखड़ा उठाये हाथ बढ़ाके
चाँद को दिखाता , चाँद का सपना ।।
………अर्श
एक आसमां एक साहिल हो अपना
एक घर , एक आँगन हो अपना ।
खिलतें फूल हजारों जिसमें
खुशियों से महकता घर हो अपना ।।
चाँद की मादक किरणों में
सराबोर होता , दमकता घर अपना ।
मुखड़ा उठाये हाथ बढ़ाके
चाँद को दिखाता , चाँद का सपना ।।
………अर्श