Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2020 · 1 min read

सपना

जानती हूँ मैं ,
बहुत कुछ है खोया,
फिर भी हार कहाँ मानी मैंने,
हर रोज़ एक
नया ही सपना है बोया,
रोज़ एक एक सपने का क़द बड़ेगा,
कुछ होंगे मेरे साथ,
कुछ होंगे पूरे,
कुछ रहेंगे आधे-अधूरे,
फिर भी टूटेगी नही आस,
और हर रोज़ इक नया सपना ,
मैं सँजोती रहूँगी,
मैं बोती रहूँगी………

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 298 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Soft Toys for Kids | Soft Toys
Soft Toys for Kids | Soft Toys
Chotan
बात मेरे मन की
बात मेरे मन की
Sûrëkhâ
जीवन की वास्तविकता
जीवन की वास्तविकता
Otteri Selvakumar
शिकवे शिकायत करना
शिकवे शिकायत करना
Chitra Bisht
4286.💐 *पूर्णिका* 💐
4286.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अब शिक्षा का हो रहा,
अब शिक्षा का हो रहा,
sushil sarna
लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में।
लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
#धोती (मैथिली हाइकु)
#धोती (मैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
परमेश्वर का प्यार
परमेश्वर का प्यार
ओंकार मिश्र
*प्राण-प्रतिष्ठा (दोहे)*
*प्राण-प्रतिष्ठा (दोहे)*
Ravi Prakash
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
ruby kumari
शीर्षक: लाल बहादुर शास्त्री
शीर्षक: लाल बहादुर शास्त्री
Harminder Kaur
तुझमे कुछ कर गुजरने का यहीं जूनून बरकरार देखना चाहता हूँ,
तुझमे कुछ कर गुजरने का यहीं जूनून बरकरार देखना चाहता हूँ,
Ravi Betulwala
"पिता दिवस: एक दिन का दिखावा, 364 दिन की शिकायतें"
Dr Mukesh 'Aseemit'
😢बस एक सवाल😢
😢बस एक सवाल😢
*प्रणय*
संस्कारों को भूल रहे हैं
संस्कारों को भूल रहे हैं
VINOD CHAUHAN
सगीर की ग़ज़ल
सगीर की ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
Ranjeet kumar patre
विनती
विनती
Saraswati Bajpai
करवा चौथ
करवा चौथ
Neeraj Agarwal
आँखें अश्क छिपाने की मुमकिन कोशिश करती है,
आँखें अश्क छिपाने की मुमकिन कोशिश करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
देश चलता नहीं,
देश चलता नहीं,
नेताम आर सी
ब्रेकअप तो सिर्फ अफेयर में होते है
ब्रेकअप तो सिर्फ अफेयर में होते है
पूर्वार्थ
मां की महत्ता
मां की महत्ता
Mangilal 713
माना सांसों के लिए,
माना सांसों के लिए,
शेखर सिंह
इस नये दौर में
इस नये दौर में
Surinder blackpen
ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं,
ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
*नवरात्रि के इन पावन पर्व में ...*
*नवरात्रि के इन पावन पर्व में ...*
Shashi kala vyas
" सजदा "
Dr. Kishan tandon kranti
जुनून
जुनून
अखिलेश 'अखिल'
Loading...