#सन्देश…
#सन्देश…
■ इशारा ही काफ़ी समझदार को।
【प्रणय प्रभात】
“केले” रहोगे।
“अकेले” रहोगे।।
अकेले पड़े
मतलब
जल्दी सड़े…।।
केले का जीवनका-
ना महीने, ना साल,
बस कुछ ही दिन,
वो भी गिन-गिन।
◆ पेड़ पर 15 दिन,
◆ झुंड में 8 दिन,
◆ अकेले सिर्फ़ 2 दिन,
और तीसरे दिन,
ख़ुद को आएगी ख़ुद पे घिन।
तो समझ जाइए इशारा वक़्त का। जोड़ कर रखिए, जुड़ कर रहिए। बस, यही पैगाम है आज का। क़ायदे में रहोगे तो फ़ायदे में रहोगे। वरना खाल भी बदलेगी और खोल भी। इतिहास भी बदल जाएगा और भूगोल भी।
【प्रणय प्रभात】
श्योपुर (मध्यप्रदेश)