सनम
माथ की बिन्दियाँ बन सनम
माँग में रोज तू सज सनम
सांवरी औ सलोनी दिखूँ
कान्ति चेहरे की बन दिख सजन
हाव औ भाव की भंगिमा
आपसे ही रहे खिल सजन
हाथ पहने रहूँ चूड़ियाँ
जिन्दगी भर रहे बस सजन
आयना में तू मुझे दिखे
अक्स मेरा बना दिख सजन
प्यार की बन फुहारें बरह
देह शीतल करे अब सजन