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21 Nov 2020 · 2 min read

सद्गति

❂ सदगति कैसे मिलती है? किसको याद करने से मिलती है?

✮ कहा गया है कि जो मनुष्य अंतकाल में किसी मित्र, सम्बन्धी, पदार्थ या वस्तु को याद करता हुआ शरीर छोड़ता है, वह सदगति प्राप्त नही कर सकता। सदगति उसे ही प्राप्त होती है जिनका शरीर भगवान् की याद के छूटता है।

✮ तो अब प्रश्न उठता है कि हम क्या करें जिससे अंत समय हमे ईश्वर की याद आये जिससे हमारी सदगति हो। और इसके लिए जरूरी है पहले से अभ्यास। जैसे कोई मनुष्य प्रतियोगी परीक्षा में पास होने के लिए पहले से ही तैयारी करता है और पास हो जाता है।

✮ यदि वह सोचे कि परीक्षा वाले दिन ही तैयारी कर लेगा तो वह पास नही हो सकेगा। वैसे ही अगर हम भी सोचें कि जब हमारा अंत समय आएगा तब ईश्वर को याद कर लेंगें तो हम कभी नही कर पाएंगे। कई लोग सोचते है कि अभी तो हम सांसारिक विषय वासनाओं का मजा ले लें, बुढ़ापे में भगवान का भजन करेंगें।

✮ लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि पूरा जीवन जो अच्छे – बुरे कर्म किये हैं, जैसा चिंतन किया है मरते समय भी वही याद आएगा। याद रखिये…..जैसे अधिक धागे मिल कर जब रस्सी बन जाते हैं तो उनको तोडना कठिन हो जाता है वैसे ही बुढ़ापे में जब संस्कार पुराने हो जाते हैं तो उन्हें बदलना कठिन हो जाता है।

✮ इसलिए काल का भरोसा ना करके जो शुभ कार्य कल के लिए सोचा है उसे आज ही और अभी कर लीजिये। अज्ञान के कारण सुख रूप भासने वाले विषय विकारों में फंस कर हीरे समान मनुष्य जीवन को कौड़ी के बदले मत गवाइये।

Language: Hindi
Tag: लेख
663 Views
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