सदोका मलिका …प्रभु
सदोका मालिका.. प्रभु
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जानूँ प्रभु को
रहता प्रयास में
पोथी पढता
सत्संग में भी जाता
बाँचता धर्मग्रन्थ
जान न पाया
प्रभु की यह माया
बसते कहाँ
किसपे होती कृपा
किधर दया दृष्टि
बहुत सोंचा
तब यह है जाना
प्रभु बसते
साफ़ निष्पाप दिल
रहें डाल के डेरा
यदि चाहते
प्रभु कृपा दर्शन
मन मंदिर
रखो पाक औ साफ़
प्रभु आना निश्चित
(समाप्त)