सदुपयोग
सदुपयोग
करो अवसरों का
फल मिलेगा।
रहो सजग
नहीं हो अपकर्म
सुखी रहोगे।
भाई साहब
आप न हों उदास
रखें धीरज।
मिलेगा चीता
उचित अवसर
जब आयेगा।
रखें भरोसा
हो सकती है देर
नहीं अंधेर।
नंद के छैया
सबकी सुनते है
वंशी बजैया।
पाओगे पार
दुखों के झंझावात
मिट जायेंगे।
जयन्ती प्रसाद शर्मा