सदा सच की तरफदारी करूँगी
सदा सच की तरफदारी करूंगी,
कुछ हो जाये उम्र सारी करूंगी।
परवाह नहीं मुझे इस ज़माने की,
दुश्मनों का जीना भारी करूंगी।।
कलम शमशीर से मैं वार करुँगी,
शब्द बाणों से मैं प्रहार करूँगी।
पोल खोलूँगी भ्रष्टाचारियों की मैं,
ईमानदारों की जयकार करूँगी।।
असहायों की लाठी बनना है मुझे,
बेसहारों के लिए लड़ना है मुझे।
दिखावा नहीं करना ठेकेदारों सा,
दर्द उनका यहाँ दूर करना है मुझे।।
“सुलक्षणा” निकल पड़ी है जंग में,
देने को जवाब अब उन्हीं के रंग में।
माता पिता और गुरु का आशीर्वाद,
शुभचिंतकों की दुआ हैं उसके संग में।।
©® डॉ सुलक्षणा अहलावत