*सदा तुम्हारा मुख नंदी शिव की ही ओर रहा है 【भक्ति-गीत】*
सदा तुम्हारा मुख नंदी शिव की ही ओर रहा है 【भक्ति-गीत】
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सदा तुम्हारा मुख नंदी शिव की ही ओर रहा है
(1)
नंदी तुम हो धन्य तुम्हारी सदियों की तप-काया
आँधी या तूफान लक्ष्य से तुमको डिगा न पाया
तुम साक्षी हो दौर अपावन जो घनघोर रहा है
(2)
तुमने की अनवरत साधना तुमने ज्योति जलाई
राह तुम्हारे पद-चिन्हों पर चलकर सच ने पाई
हर प्रमाण-आधार तुम्हारे तप का छोर रहा है
(3)
तुमने देखा आदि-काल जन महादेव नित गाते
तुमने देखा दुग्ध-धार से प्रभु जी को नहलाते
पुष्प-सुसज्जित मधुर शिवालय भाव-विभोर रहा है
सदा तुम्हारा मुख नंदी शिव की ही ओर रहा है
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999761 5451